Wednesday, December 5, 2007

विकिपीडिया अब हिन्दी होगा

विकिपीडिया अब हिन्दी होगा.... जी हाँ !! मै जानता हूँ की विकिपीडिया काफ़ी समय से हिन्दी में है, लेकिन अब तक उसका हिन्दी में होने का कुछ ख़ास फ़ायदा नही है , अगर आप गूगल कि नई सुविधा "हिन्दी सुझावो" का इस्तेमाल करेंगे ( क्योकि मै जानता हूँ की गूगल खोज पे शायद ही कोई हिन्दी लिखता हो । ) तो शायद ही आपको कोई उपयोगी परिणाम मिले , मिलेगा तो सिर्फ़ वही,हिन्दी अखबारों के ऑनलाइन लेखों के बीच का कोई शब्द जो आपके खोजे गए शब्द से मेल खाता हो । अगर विश्वास न हो तो यही कर के देख लीजिये। और अगर यही शब्द आप इंग्लिश में लिख कर सर्च करें तो काफ़ी चांसेस(समभावानाये) हैं कि आपकी ज़रूरत का परिणाम मिल जाए ....और अगर कोई अंग्रेज़ी का शब्द है तो फ़िर सबसे पहेला परिणाम विकिपीडिया का ही होगा .....शर्त लगते हैं ...जी हाँ ज़ाहिर सी बात है कि हर परिणाम में विकिपीडिया पहला न हो लेकिन होगा ज़रूर । इसका कारण हिन्दी में ज्ञान लेखों का कम होना है .... आप किसी जानकारी के लिए हिन्दी में कुछ सर्च करेंगे तो वो आपको कभी न मिलेगा , जैसे हम उधाहरण के तौर पर, हमारे घरों कि एक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली वस्तु चाय को ही लेलें ,.... अब ज़रा गूगल खोज में हिन्दी में "चाय" लिखे ( अगर न लिखना चाहते हों तो, यहाँ से चाय शब्द चुन के , माउस का दायां क्लिक कर के कोपी करें और गूगल खोज में पेस्ट करें ) जी अब आपको क्या मिला ....बीबीसी हिन्दी का कोई समाचार लेख जिसमे "असम में चाय बागान के प्रबंधकों को चेतावनी दी गई" जी अच्छा । अब ज़रा अग्रेजी में "chai" लिखिए ....जी मिला न "chai" पर विकिपीडिया ज्ञान अंग्रेज़ी में ....यही काम आप "TEA" लिख कर करेंगे तो आपको और अधिक ज्ञान मिल जायगा ।विकिपीडिया को बने लघभग ७ (सात) साल हो चुके हैं . विकिपीडिया शुरू में सिर्फ़ अंग्रेज़ी भाषा में उपलब्ध था । पर यूनिकोड कोडिंग सिस्टम के आने बाद से विकिपीडिया कई भाषाओ में शुरू हुआ जिसमे हिन्दी भी शामिल थी।यूनिकोड सिस्टम के शुरूआती दौर में ऐसे उपकरण नही आते थे जो "कंप्युटर हिन्दी" लिखने में मदद करते , लेकिन अब तो ऐसे कई उपकरण उपलब्ध हैं जो हिन्दी लिखना काफ़ी आसान बनाते हैं, पर अभी भी हिन्दी में ज्ञान लेखों की स्थिति कोई बहुत अच्छी नही है या ये कहें ख़राब ही है । विकिपीडिया पर अंग्रेज़ी के सैकडो़ चुनिंदा ज्ञान लेखों के बदले हिन्दी के सिर्फ़ तीन चुनिंदाज्ञान लेख उपलब्ध हैं और वह हैं रामायण, महादेवी वर्मा, और सत्यजीत रे

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